
*रक्षाबंधन कार्यक्रम मे महानुभावों ने रखे विचार कहा की नारियों की सुरक्षा हमारी सुरक्षा, प्रकृति पर ध्यान देना होगा, व्यसन और बुराई से समाज की रक्षा करना ही सही अर्थों में रक्षाबंधन मनाना है।*पचोर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय रक्षाबंधन का कार्यक्रम। जिसमें नगर के रामभरोसा यादव नप उपाध्यक्ष, डॉ. धर्मेंद्र सिंह भदोरिया ला.क्लब अध्यक्ष, विकास दीक्षित मंडल अध्यक्ष भाजपा, ब्रह्माकुमारी मधु दीदी राधेश्याम नागर ,संजय राठौर, सूरत सिंह राजपूत,अजय साहू, नरेंद्र पुष्पद, हरीश मुदेरिया सहित कई पत्रकार उपस्थित रहे। दीप प्रज्वलित कर ईश्वर के ध्यान से कार्यक्रम की शुरुआत की गई।ब्रह्माकुमारी मधु दीदी ने रक्षाबंधन के महत्व को बताते हुए कहा कि आज के समय में कोई भी सुरक्षित नहीं है। हर प्रकार से आज का मनुष्य कोई ना कोई परिस्थिति के बंधन बंधा हुआ है,आज के युग में नर और नारी दोनों असुरक्षित है।कहते हैं मनुष्य बुराइयों का पुतला है इसलिए वह जब तक अपनी बुराइयों को एक-एक करके नहीं मिटाएगा तब तक वह बंधन मुक्त नहीं हो सकेगा।आज के समय में बहन भाई को राखी बांधती है, भाई बहन की रक्षा के लिए वचन देता है, की हमेशा खुश रहना और मेरी आवश्यकता पड़े तो मुझे याद कर लेना, लेकिन भाई भी सुरक्षित नहीं है उन्हें भी सुरक्षा की जरूरत लगी रहती है। वह भी नारियों की प्रतीक देवियों से मांगते हैं जैसे शक्ति मां दुर्गा से, धन मां लक्ष्मी से मांगते हैं ,विद्या मां सरस्वती से । जो खुद असुरक्षित हो। आर्थिक सामाजिक और रूढ़िवादी परंपराओं में घिरे हुए हैं, वह कैसे रक्षा कर सकते हैं।ऐसे समय में हमें अपनी बुराइयों के बंधन से दूर होना होगा।नैतिक मूल्य को धारण करना होगा आध्यात्मिक बनना पड़ेगा।राम भरोसा यादव ने अपनी ओर से शुभकामनाएं दी। धर्मेंद्र सिंह भदोरिया ने मेडिसिन और मेडिटेशन पर ध्यान खिंचवाया। विकास दीक्षित में संस्था के प्रशंसा करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी बहने समाज में ज्ञान का प्रकाश फैला रही है।पत्रकार बंधुओ ने कहा कि हमें प्रकृति से प्रेम करना चाहिए एक पेड़ अवश्य लगाएं और उसकी सुरक्षा का संकल्प ले ,व्यसनमुक्त समाज बनाए,नारियों को सम्मान दिलाने में आगे आए।नन्हे मुन्ने बाल कलाकारों ने रक्षाबंधन पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किये।कार्यक्रम के समापन में ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी को रक्षासूत्र बांधे। उन्होंने उपहार स्वरूप बुराई मांगी। सभी को भोग और ईश्वरीय वरदान दिया गया। मंच का सफल संचालन जीवन सिंह राजपूत ने किया। आभार गिरिराज पाटीदार ने किया।
