रिपोर्ट: भूपेंद्र (मुन्ना) कनोजिया इंदौर
इंदौर में डोल ग्यारस पर निकलने वाली झांकियों से जुड़ी कुछ बातेंः डोल ग्यारस पर इंदौर में 150 से ज़्यादा डोल और 30 से ज़्यादा झांकियां निकलती हैं. कुमावतपुरा का एक मंदिर ऐसा है जहां मूल प्रतिमा डोल में ही निकलती है. डोल ग्यारस पर निकलने वाली झांकियों में भगवान श्री कृष्ण के साथ-साथ भगवान गणेश की मूर्तियां भी शामिल होती हैं. डोल ग्यारस पर निकलने वाली झांकियां, मंदिरों और सामाजिक संगठनों द्वारा सजे-धजे विमानों में निकाली जाती हैं. इन झांकियों में युवा भगवान शिव का रूप धारण कर बैंडबाजे की धुन पर जमकर डांस करते हैं. डोल ग्यारस पर निकलने वाले चल समारोह को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. डोल ग्यारस पर निकलने वाले चल समारोह के लिए पुलिस प्रशासन सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम करता है.
डोल ग्यारस पर शहर में पहली बार झांकी और अखाड़ों के साथ भगवान नगर भ्रमण पर निकले। इस दौरान अनंत चतुर्दशी-सा दृश्य दिखाई दिया। शाम को मंत्रोच्चार के बीच भगवान राधा-कृष्ण को फूलों से सजे डोल (रथ) में विराजित किया गया। शहर के पश्चिमी क्षेत्र, मिल क्षेत्र, छावनी क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र, स्कीम 78 सहित शहर के विभिन्न इलाकों से परंपरागत डोल निकाले गए। विभिन्न मार्गों से होते हुए ये डोल राजबाड़ा पहुंचे।
