फुटेज मांगे और नहीं मिले तो यह गंभीर लापरवाहीहाई कोर्ट

संवाददाता: भूपेन्द्र (मुन्ना)कनोजिया इंदौर
फुटेज मांगे और नहीं मिले तो यह गंभीर लापरवाहीहाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने डीजीपी को आदेश दिए हैं कि सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे हमेशा चालू हालत में मिलने चाहिए। थानों में आम लोगों से होने वाले अत्याचारों पर इससे कमी आएगी। कोई व्यक्ति थाने जाता है उससे खराब व्यवहार होता है तो कैमरा इसका प्रमाण दे सकते हैं।

कोर्ट ने कहा कि किसी घटना में थाने के फुुटेज मांगे जाने पर नहीं मिलते हैं, इसे थाना प्रभारी या अन्य प्रभारी अधिकारी की लापरवाही मानी जाएगी। कोर्ट ने डीजीपी को इसके पालना के निर्देश दिए हैं।पुलिस ने निर्मल नामक युवक के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। इसमें थाने में प्रताड़ना का आरोप लगाया। कोर्ट ने उसे जमानत दे दी, पर थाने में अत्याचार के संबंध में जो आरोप लगाए थे, उस पर सुनवाई की थी।थाने में अभद्र व्यवहार होने के लगाए थे आरोपपुलिस ने निर्मल नामक एक युवक के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। निर्मल ने जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उसने पुलिस द्वारा थाने में प्रताड़ित करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे।हाई कोर्ट ने उसे जमानत तो दे दी, लेकिन थाने में अत्याचार के संबंध में जो आरोप लगाए थे उस पर अलग से सुनवाई की थी। थाने में रिकाॅर्ड भी उपलब्ध नहीं था। पुलिस रेडियाे के वरिष्ठ अधीक्षक विजय खत्री ने कोर्ट में वर्चुअल उपस्थित होकर पुलिस थानों में सीसीटीवी को लेकर जारी की गई एसओपी के बारे में बताया था।पुलिसकर्मियों को बाॅडी कैमरा भी देना चाहिएकोर्ट ने पूछा कि थानों में कैमरे काम कर रहे हैं या नहीं, इसकी जिम्मेदारी सुनिश्चित करने वाला कौन व्यक्ति हैं। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि प्रदेश के प्रमुख शहरों के मुख्य पुलिस थानों में पुलिसकर्मियों को बाॅडी कैमरा दिए जाना चाहिए। इस दिशा में सरकार को सोचना चाहिए।