
रिपोर्ट:- हरीश कुमार मुंदेरिया
पचोर। ग्राम सेमली धाकड़ में पांच दिवसीय गीता ज्ञान प्रवचन के समापन दिवस पर राजगढ़ जिला संस्था प्रभारी ब्र.कु.मधु दीदी, पी.एस. सिसोदिया सहायक यंत्री पीएचई रिटा.,राममिलन झा, ओम प्रकाश गुप्ता शास.शिक्षक ने दीप प्रज्वलित एवं ध्यान के द्वारा, गीता ज्ञान प्रवचन का शुभारंभ किया गया।योगशक्ति राजयोगिनी सुरेखा दीदी के मुखारविंद द्वारा कहा गया कि भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता है क्योंकि भारत में सर्वगुण संपन्न, 16 कला संपूर्ण देवी देवताओं का निर्विघ्न राज्य था। उस समय के युग को सतयुग कहा जाता था

,जिसमें हर नर नारायण के रूप में और नारी स्वयं लक्ष्मी थी, जहां पर सभी जानवर मिलजुल कर एक घाट पर पानी पीते थे, सभी सुखी आनंद से भरपूर थे, किसी भी प्रकार की हिंसा उस युग में नहीं थी । लेकिन आज के समय में जानवर तो जानवर लेकिन परिवार में प्रेमभाव मेलजोल नहीं है। घर के घर बर्बाद हो रहे हैं, यह कलयुग का प्रभाव है। आज के समय में मनुष्य दिखावे के पीछे भाग रहा है।इस कलयुग की चकाचौंध आंधी में भ्रमित होता जा रहा है। मनुष्य के अंदर अवगुण ही अवगुण दिखाई पड़ते हैं।समाज में सीरियलों के कारण घर टूट रहे हैं, कहते हैं जैसा चित्र वैसा चरित्र बनता है। आज मानव समाज में नकारात्मक वातावरण बन रहा हैं, युवा एक अलग दिशा में जा रहे हैं। अपने बुद्धि विवेक से निर्णय करके मानव समाज का उत्थान करने के लिए हम सभी को आगे आना होगा, नहीं तो आने वाला समय बहुत ही नुकसानदायक होगा।इसलिए स्वयं को देखें, अपने अवगुणों को निकालने का प्रयास करें, स्वयं की गलती को स्वीकार करें, दुनियावी बातों से दूर रहे। ईश्वर कहते हैं कि इस समय गृहस्थ धर्म मे रहते हुए अपना जीवन कमल पुष्प सम न्यारा और प्यारा बनाए। तभी हम देवत्व की ओर आगे बढ़ सकते हैं। माता बहनों को संदेश देते हुए कहां की समाज में परिवार टूटने का कारण एक दूसरे की कमी-कमजोरी को देखना है, इसे खत्म करना है ,बुराइयों से बचे ।बुरे लोगों से दूर रहे, रोज सत्संग करें,हमें फिर से रामराज्य को लाना है, तो राम के गुणो को जीवन में धारण करना होगा। तभी राम राज्य आएगा भारतक्या पुरा विश्व फिर से देवी देवताओं की भूमि बन जाएगा।इसमें स्वयं को बदलना है दूसरों को नहीं देखना है। स्वयं बदलेंगे विश्व बदल जाएगा। हम जितनी सकारात्मकता समाज में लाएगे उतना ही समाज, राष्ट्र और विश्व भी बदलता जाएगा।ब्रह्माकुमारी मधु दीदी ने बताया कि विश्व परिवर्तन करने के लिए स्वयं को परिवर्तित होना पड़ेगा ।हमें सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भगवान का रोज ध्यान करें ।

पी .एस .सिसोदिया ने संस्थान से जुड़ने की बात कही ,उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान पूरे विश्व में फैला हुआ है जो हर वर्ग की निस्वार्थ भाव से सेवा करता आ रहा है, इस संस्थान से जुड़ने से मुझमें कई सकारात्मक बदलाव आए हैं। आप भी जुड़े।ग्रामीणों ने ब्रह्माकुमारी दीदीयो का आभार माना। और हर वर्ष ऐसे कार्यक्रम करने की बात कही।ग्रामीणों द्वारा ब्रह्माकुमारी बहनों का सम्मान किया गया।