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परमात्मा शिव ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माध्यम से् धर्म और कर्म का ज्ञान देकर मनुष्य को पावन बनाने का कार्य अभी कर रहे हैं ।-ब्रह्माकुमारी मधु दीदी

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रिपोर्ट: हरीश कुमार मुंदेरिया

स्टेट हैड मध्य प्रदेश

पचोर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के परमात्मा अनुभूति भवन मैं शिवरात्रि महोत्सव के अंतर्गत 88 त्रिमूर्ति शिव जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया

जिसमें अतिथि के रूप में हनुमान प्रसाद गर्ग पूर्व संसदीय सचिव, नीलम सक्सेना जिला महामंत्री भाजपा महिला मोर्चा, मनीष अग्रवाल लायंस क्लब सचिव, राम भरोसा यादव नगर परिषद उपाध्यक्ष, संस्था जिला प्रभारी ब्रह्माकुमारी मधु दीदी, ब्रह्माकुमार अरविंद भाई उपस्थित हुए।कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में व्याप्त बुराइयों के सभी अतिथियों ने जोर दिया।हनुमान प्रसाद गर्ग ने दान का अर्थ बताते हुए कहा कि किसी भी तरह से हमें दान करना चाहिए चाहे आर्थिक रूप से, सामाजिक रूप से, धार्मिक रूप सेनीलम सक्सेना ने ब्रह्माकुमारी बहनों की गरिमा करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी बहनें समाज को नई दिशा दे रही है हर क्षेत्र में कार्य कर रही है किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहती है चाहे वह सामाजिक हो या धार्मिक हो या राजनीतिक हो हर क्षेत्र को सही दिशा दे रही है।मनीष अग्रवाल भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए ब्रह्माकुमारी बहनों का समाज में बहुत बड़ा योगदान है हमें इसे जुड़कर रहना चाहिए।

राम भरोसा यादव ने कहा कि ब्रह्माकुमारी बहनों का बहुत बड़ा त्याग है समाज को देश को आध्यात्मिक सशक्ति देने का बहुत बड़ा कार्य कर रहे हैं।ब्रह्माकुमारी मधु दीदी ने शिवरात्रि का महत्व समझाते हुए कहा कि परमात्मा अजन्मा होते हुए परकाया प्रवेश करता है ,जिसे ही ब्रह्माकुमारी परिवार शिव जयंती के रूप में मानता है। उसे ही हम शिवरात्रि कहते हैं। रात्रि कलयुग रात्रि को कहा जाता है।परमात्मा शिव स्वयं का परिचय और हमारा परिचय देते हैं। ब्रह्माकुमारी संस्थान शिक्षा का केंद्र है जिसमें स्वयं परमपिता परमात्मा शिक्षक है।जिसमे परमात्मा शिव स्वयं धर्म और कर्म का ज्ञान इस समय हमें सुन रहे हैं जिसे ही ईश्वरीय ज्ञान कहा जाता है। राजयोग की शिक्षा देकर नव सृष्टि निर्माण का पावन कार्य इस समय कर रहे हैं।अरविंद भाई जी ने भक्त और भगवान का अंतर बताते हुए कहा कि जो भक्त की इच्छा होती है, वह भगवान पूरी करते हैं लेकिन वह पूरी इस जन्म के लिए ही करते हैं लेकिन जब भक्ति का फल ज्ञान हमें मिलता है वह ज्ञान हमें ईश्वरीय विश्वविद्यालय के माध्यम से स्वयं परमात्मा से मिलता हैं तो ज्ञान के आधार से हमें समझ मे आता है कि यहा किया हुआ हर कार्य एक जन्म के लिए नहीं बल्कि अनेक जन्मों के लिए हमें इसका प्रतिफल प्राप्त होता है। और कर्म करने का ज्ञान इस समय वह हमें दे रहे हैं।बालिकाओं द्वारा भगवान शिव के गीतों पर नृत्य कर सबको मनमोहित किया।ब्रह्माकुमारी बहनों ने पत्रकारों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया।ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी दीदी ने राजयोग ध्यान के द्वारा आत्म अनुभूति कराई।जिले के नौ सेवाकेंद्र की बहनों का सम्मान किया गया।कार्यक्रम का मन्च संचालन गिर्राज पाटीदार कनिष्ठ यंत्री ने किया।आभार रामेश्वर दान्गी द्वारा किया गया।कार्यक्रम के समापन के बाद ब्रह्मा भोजन का आयोजन किया गया।

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