
यूपी एसटीएफ ने पश्चिमी उत्त्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। एसटीएफ ने अनिल दुजाना को मेरठ में आज दोपहर जानी थाना क्षेत्र के भोला की झाल में एक एनकाउंटर में मार गिराया। खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना उर्फ़ अनिल नागर पर हत्या, लूट, अपहरण सहित कई संगीन मामलों में मुकदमें दर्ज थे। एसटीएफ और यूपी पुलिस पिछले कई दिनों से अनिल दुजाना की तलाश में थी।
इस खूंखार गैंग्स्टर पर 18 मर्डर सहित रंगदारी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा, कब्जा छुड़वाना और आर्म्स एक्ट समेत 62 संगीन मुकदमें दर्ज हैं। साथ ही कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका है। वह गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से हमले का आरोपी है। दुजाना 2012 से जेल में था और जनवरी 2021 में बेल पर बाहर आया। इसके बाद वह फिर से जेल में चला गया था। बताया जाता है कि चार दिन पहले ही वह जमानत पर जेल से बाहर आया था। उस पर बुलंदशहर पुलिस ने 25 हजार और नोएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था। पुराने केसों में में पेश नहीं होने से अदालत से गैरजमानती वॉरंट जारी कर रखा था।
वेस्ट यूपी में था कुख्यात अनिल दुजाना का खौफ
कुख्यात अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर के उसी दुजाना गांव का रहने वाला था, जहां के कुख्यात डकैत सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जान से मारने की धमकी दी थी। 70-80 के दशक में सुंदर डाकू का दिल्ली-एनसीआर में खूब आतंक था। अनिल दुजाना का असली नाम अनिल नागर है। अनिल नागर ने अपनी दुश्मनी के चलते ही अपने बड़े भाई को भी खो दिया।
2002 में अपराध की दुनिया में रखा कदम
दुजाना गांव के कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना पर पहला मामला साल 2002 में गाजियाबाद के कवि नगर में दर्ज हुआ था। इस मामले में उस पर हरबीर पहलवान नाम के व्यक्ति की हत्या का आरोप था। अनिल दुजाना पर करीब 62 केस दर्ज हैं, जिनमें से 18 केस हत्या के हैं और बाकी लूटपाट, रंगदारी, जमीन कब्ज़ा और आर्म्स एक्ट से जुड़े मामले हैं। इसके अलावा उस पर गैंगस्टर और रासुका भी लग चुका है। अनिल दुजाना का खौफ तब ज्यादा हो गया, जब उसने गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी।
गैंगस्टर सुंदर भाटी पर बरसाई थी गोलियां
दरअसल, पश्चिमी यूपी में दो गैंगस्टर की गैंगवार बहुत चर्चा में रहती थी और वो दो नाम नरेश भाटी और सुंदर भाटी थे। लेकिन साल 2004 में जिला पंचायत अध्यक्ष नरेश भाटी की हत्या सुंदर भाटी गुट ने कर दी गई। नरेश के भाई रणदीप और भांजे अमित कसाना ने हत्या का बदला लेने के लिए अनिल दुजाना का साथ लिया। साल 2011 के नवंबर में सुंदर भाटी को मारने के लिए तीनों ने सुंदर भाटी के भांजे की शादी चुनी। मकसद सबके सामने मौत के घाट उतार कर दहशत फैलाना था। रणदीप, कसना और दुजाना ने गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई, लेकिन भाटी बच निकल और इस घटना में तीन लोग मारे गए।
इस तिहरे हत्याकांड में अनिल दुजाना 2012 में धरा गया और जेल भेज दिया गया। इसके बाद साल 2014 में सुंदर भाटी ने पलटवार करते हुए दुजाना के भाई को मार डाला। जेल में रहते हुए ही उसके गुर्गों ने 2019 में दिल्ली के एक कारोबारी से 50 लाख की रंगदारी मांगी थी और इसके बाद वह जनवरी 2021 में जमानत पर बाहर आ गया। इसके बाद इसी साल अक्टूबर में दुजाना ने एक और व्यापारी से 1 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। वहीं एक और हत्या के मामले में गवाह को धमकाया था। अनिल दुजाना इन सब मामलों के अलावा अन्य केस की पेशी में भी नहीं जाता था, जिस कारण उस पर अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया था और यूपी पुलिस ने 75 हजार का इनाम भी रखा था।
2021 में अदालत परिसर में की थी शादी
अनिल दुजाना की शादी साल 2021 में पूजा नाम की लड़की से हुई। लेकिन ये किस्सा भी बड़ा रोचक है, क्योंकि अनिल दुजाना एक केस के सिलसिले में जिला अदालत में पेशी के लिए आया था। पेशी ख़त्म हुई तो उसने मंगनी के लिए बनवाए गए शपथपत्र पर साइन कर अदालत परिसर में ही पूजा को अंगूठी पहना दी थी। इसके बाद बागपत की रहने वाली पूजा अपने परिजनों के साथ घर वापस चली गई थी।
राजनीति में थी रूचि, राजनेताओं के साथ भी रसूख़ थे
अनिल दुजाना उर्फ़ अनिल नागर को राजनीति में भी बड़ी रूचि थी। गाँव प्रधान का चुनाव हो अथवा जिला पंचायत का इलेक्शन हो, विधानसभा या लोकसभा के चुनाव हों हर चुनाव में वह ख़ास रुचि लेता था। गौतमबुद्धनगर ही नहीं पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजनेताओं के साथ भी उसके अच्छे रसूख़ थे। कहा तो यहाँ तक जाता है कि चुनाव जीतने के लिए कई राजनेता उसकी मदद लेते थे और इस मदद के बदले उसे मोटा नज़राना भी पहुँचाते थे। वह खुद जेल में रहते हुए गौतमबुद्धनगर ज़िले में ज़िला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ चुका था
अनिल दुजाना की शादी साल 2021 में पूजा नाम की लड़की से हुई। लेकिन ये किस्सा भी बड़ा रोचक है, क्योंकि अनिल दुजाना एक केस के सिलसिले में जिला अदालत में पेशी के लिए आया था। पेशी ख़त्म हुई तो उसने मंगनी के लिए बनवाए गए शपथपत्र पर साइन कर अदालत परिसर में ही पूजा को अंगूठी पहना दी थी। इसके बाद बागपत की रहने वाली पूजा अपने परिजनों के साथ घर वापस चली गई थी।
राजनीति में थी रूचि, राजनेताओं के साथ भी रसूख़ थे
अनिल दुजाना उर्फ़ अनिल नागर को राजनीति में भी बड़ी रूचि थी। गाँव प्रधान का चुनाव हो अथवा जिला पंचायत का इलेक्शन हो, विधानसभा या लोकसभा के चुनाव हों हर चुनाव में वह ख़ास रुचि लेता था। गौतमबुद्धनगर ही नहीं पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजनेताओं के साथ भी उसके अच्छे रसूख़ थे। कहा तो यहाँ तक जाता है कि चुनाव जीतने के लिए कई राजनेता उसकी मदद लेते थे और इस मदद के बदले उसे मोटा नज़राना भी पहुँचाते थे। वह खुद जेल में रहते हुए गौतमबुद्धनगर ज़िले में ज़िला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ चुका था।◆◆◆