
दीपक शर्मा
उत्तर-पूर्वी दिल्ली,जिले द्वारा शुरू किया गया विशेष अभियान “अंकुश” स्ट्रीट और संगठित अपराध पर अंकुश लगाने, अपराधियों / असामाजिक तत्वों को रोकने और अधिक महत्वपूर्ण रूप से नागरिकों में सुरक्षा की भावना को बढ़ाने के उद्देश्य से जारी है।
ऑपरेशन अंकुश के तहत 24 घंटे के भीतर टीम पीएस-भजनपुरा द्वारा काम किए गए मामले निम्नलिखित हैं।
एक छीना हुआ मोबाइल फोन और एक चोरी की स्कूटी टीम पीएस भजनपुरा की बरामदगी के साथ एक स्नैचर को गिरफ्तार किया।

27.08.2022 को रात करीब 11:40 बजे पेट्रोलिंग के दौरान एएसआई सिद्धार्थ सिंह, कांस्टेबल सहित पुलिस टीम। अनुज व कांस्ट. दिनेश भीष्म सहरमा हाउस, गामडी रोड के पास पहुंचे और एक महिला चोरा चोर-चौर-पकड़ो के चिल्लाने की आवाज सुनी जो एक स्कूटी पर घोंडा चौक की ओर भाग रहे एक व्यक्ति की ओर इशारा करती है। पुलिस टीम ने उक्त स्कूटी का पीछा किया और कुछ दूर जाने के बाद अचानक उसकी स्कूटी फिसल गई और लोगों की मदद से सवार को मौके पर ही दबोच लिया. दिव्या नाम की महिला भी वहां पहुंच गई और आरोप लगाया कि जब वह अपने घर से मौजपुर चौक की ओर ई-रिक्शा में जा रही थी तो यह व्यक्ति पीछे से स्कूटी पर आया था।
एफआईआर संख्या 280/22, दिनांक 18/03/2022, धारा 356/379 आईपीसी, थाना भजनपुरा
एफआईआर संख्या 206/22, दिनांक 09/02/2022, धारा 356/379 आईपीसी, थाना भजनपुरा
प्राथमिकी संख्या 468/22, दिनांक 03/07/2022, धारा 356/379/34 आईपीसी, थाना भजनपुरा
प्राथमिकी संख्या 465/22, दिनांक 02/07/2022, धारा 356/379 आईपीसी, थाना भजनपुरा
चोरी हुए ई-रिक्शा की बरामदगी के साथ, टीम पीएस भजनपुरा ने पहले भी कई आपराधिक मामलों में शामिल एक ऑटो-लिफ्टर को गिरफ्तार किया है।
26.08.2022 को एएसआई बनवीर सिंह, एचसी अरुण और कॉन्स्ट सहित एक पुलिस टीम को गश्त करते हुए। दिनेश नूर-ए-इलाही, पेट्रोल पंप पर पहुंचे और बेतरतीब वाहन चेकिंग शुरू की. रात करीब साढ़े आठ बजे पुलिस टीम ने देखा कि एक ई-रिक्शा पुलिस पिकेट की तरफ आ रहा है और उसे चेकिंग के लिए रुकने का इशारा किया गया। पुलिस की मौजूदगी को भांपते हुए ई-रिक्शा के चालक ने भागने की कोशिश की, लेकिन वह दब गया और उसने ई-रिक्शा वाले पंजीकरण संख्या डीएल-5ईआर-3900 के स्वामित्व संबंधी दस्तावेज पेश करने को कहा। लेकिन ई-रिक्शा के स्वामित्व संबंधी कोई भी दस्तावेज पेश करने के बजाय उसने लंगड़ा बहाना देना शुरू कर दिया और वह कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सका। पूछताछ में उसकी पहचान जावेद पुत्र बाबू खान निवासी ई-ब्लॉक, नेहरू विहार, दिल्ली, उम्र 24 वर्ष के रूप में हुई।
इसी बीच बबलू नाम का एक व्यक्ति वहां पहुंचा और ई-रिक्शा की पहचान के बाद उक्त ई-रिक्शा का मालिक होने का दावा किया। उन्होंने उक्त ई-रिक्शा के आरसी दस्तावेज भी पेश किए। उन्होंने आगे कहा कि उनका ई-रिक्शा 5 वें पुस्ता से चोरी हो गया था और वह उसी की तलाश कर रहे थे और प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पीएस भजनपुरा जा रहे थे।
तदनुसार, एफआईआर संख्या 551/22 दिनांक 27.08.22 यू/एस 379/411 आईपीसी पीएस भजनपुरा, दिल्ली के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।
जांच के दौरान जावेद पुत्र बाबू खान ने अपना अपराध कबूल कर लिया और खुलासा किया कि उसने 5 वें पुस्ता से ई-रिक्शा चुराया था और उसे छिपाने जा रहा था। निरंतर पूछताछ के दौरान ऑटो लिफ्टिंग के विभिन्न मामलों में उसकी संलिप्तता भी सामने आई और आगे पता चला कि वह दोपहिया / ई-रिक्शा चुराता था और उन्हें एकांत स्थानों पर खड़ा करता था और बाद में उन्हें गंदगी की कीमत पर बेच देता था।