
मुरादाबाद, 22 मार्च 2025: तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (टीएमयू) के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज में फॉरेंसिक बैलिस्टिक्स और साइबर फॉरेंसिक के क्षेत्र में नवाचार, विकास, तकनीकी तत्परता और तकनीकी हस्तांतरण पर एक विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को फॉरेंसिक साइंस, क्राइम सीन पुनर्निर्माण और आधुनिक जांच तकनीकों की व्यावहारिक जानकारी प्रदान करना था।
कार्यक्रम में प्रमुख फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. रवींद्र चौहान ने क्राइम सीन प्रोटोकॉल, साक्ष्य संरक्षण, बैलिस्टिक्स विश्लेषण और आधुनिक फॉरेंसिक उपकरणों पर एक रोचक सत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने छात्रों को अपराध स्थल पर साक्ष्यों को सुरक्षित रखने और उनका विश्लेषण करने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा, सुश्री अंजलि ने डिजिटल साक्ष्य प्रबंधन, अपराध स्थल जांच से जुड़े कानूनी पहलुओं और लाइव फॉरेंसिक के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने डिजिटल युग में साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौतियों और उनसे निपटने के लिए आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर भी प्रकाश डाला।
90 से अधिक छात्रों और फैकल्टी सदस्यों की उपस्थिति में यह सत्र अत्यधिक सफल रहा। छात्रों ने सक्रिय रूप से चर्चा में भाग लिया और फॉरेंसिक विज्ञान की गहन समझ प्राप्त की। इस कार्यक्रम ने छात्रों को फॉरेंसिक जांच के नवीनतम विकासों से परिचित कराया और उनके सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक अनुप्रयोगों से जोड़ा।
इस कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के प्राचार्य प्रो. नवनीत कुमार के मार्गदर्शन में किया गया। श्री रवि कुमार ने इस कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. एस.के. जैन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि लॉ कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सुशील कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए। आयोजन समिति के अन्य सदस्यों ने समस्त व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संपन्न किया।
यह विशेषज्ञ वार्ता टीएमयू में फॉरेंसिक शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक पहल थी। इस कार्यक्रम ने न केवल छात्रों को फॉरेंसिक जांच के नवीनतम विकासों से अवगत कराया, बल्कि उन्हें इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित भी किया। टीएमयू के प्रयासों की सराहना करते हुए, छात्रों ने इस तरह के और भी कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की।